हर्षोल्लास के साथ मनाया आर्य वीर दल का स्थापना
आर्य वीर दल गुरुकुलम् मंदिर आश्रम बिड़ा के पावन प्रांगण में आर्य वीर दल के स्थापना दिवस , वीर हकीकत राय एवं पृथ्वीराज चौहान के बलिदान दिवस पर राष्ट्रभृत यज्ञ का आयोजन गुरुकुल के आचार्य एवं ब्रह्मचारियों द्वारा किया गया। राष्ट्र ध्वज फहराने के पश्चात गुरुकुल के आचार्य स्वामी उद्गीथानन्द जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि वीर हकीकत राय जैसी पवित्र आत्माओं ने पूर्ण समर्पण से देश के अस्तित्व को सुरक्षित रखा । आर्य वीर दल बङ्गाल के सञ्चालक आचार्य योगेश शास्त्री ने अपने वक्तव्य में चर्चा करते हुए बताया किसी भी देश का संविधान उस देश की आत्मा के समान होता है, जिसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है ।
हमे अपने देश की सम्प्रभुता ,अखण्डता और एकता बनाये रखने के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए । आर्य वीर दल की स्थापना दिवस के उपलक्ष में आचार्य श्री ने बताया कि आर्य वीर दल का मुख्य उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन प्राप्त हो इसके लिए उनमें तीन सूत्री कार्यक्रम संस्कृति रक्षा ,शक्ति सञ्चय, और सेवाकार्य की भाव से ओत-प्रोत करने हेतु चरित्र निर्माण प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से युवा पीढ़ी में स्वयं के प्रति , जन्म और शिक्षा दीक्षा से समन्वित करने वाले माता पिता और गुरू जनों के प्रति कर्तव्य परायणता का भाव , समाज एवं राष्ट्र प्रति उत्तरदायित्व का चिन्तन स्थापित करने का कार्य करता है। साथ ही वर्तमान समय में शिक्षा के साथ घटते संस्कारों के अभाव को पूर्ण करने का कार्य करता है । इतिहास साक्षी है आजादी के आन्दोलन से लेकर, बाढ़ प्रभावित ,महामारी, जल प्लावन , सूखा काल, कोरोना काल, यस तूफान, आईला तूफान आदि किसी भी क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय आपदाओं के समय पर आर्य वीर दल और आर्य समाज मानवता के साथ तन मन धन लगा कर कार्य करता रहा है, आचार्य श्री ने युवाओं से आह्वान किया आर्य वीर दल आपका अपना संगठन है आप इसके सदस्य अवश्य बनें । सूरज बाला , मिठुन आर्य एवं बुद्धदेव आर्य ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद देते हुए वीर दल के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी ,प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया ।