आज मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष पंचमी तिथि है। शास्त्रों में इस दिन का बड़ा महत्व बताया गया है क्योंकि आज के ही दिन त्रेतायुग में भगवान राम का विवाह देवी सीता का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
पंडित 'सत्य प्रकाश पांडे' बताते हैं कि भृगु संहिता में इस दिन को विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त के रुप में बताया गया है। इसके बावजूद भी मिथिलावासी इस दिन अपनी बेटियों की शादी करना पसंद नहीं करते। इसके पीछे उनकी धारणा यह है कि इसदिन विवाह होने के कारण ही देवी सीता और भगवान राम को पूर्ण वैवाहिक जीवन का सुख नहीं मिला।जब राम को राजा बनने का सौभाग्य मिलने वाला था तब देवी सीता को भगवान राम के संग वन में जाना पड़ा। जब वन से लौटकर राम अयोध्या के राजा बने तब राजधर्म निभाने के लिए राम को सीता से अलग होना पड़ा। देवी सीता मिथ्या कलंक के कारण वन में जीवन भेज दी गई।यही कारण है कि अबूझ मुहूर्त होने के बाद भी विवाह पंचमी के दिन लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करते हैं।