कोलकाता: चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे को लेकर प्रदेश भाजपा राजनीतिक मैदान में रणनीति के तहत उतरने को पूरी तरह तैयार है। मंगलवार को केंद्रीय नेतृत्व के साथ बंगाल के सांसदों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। सूत्रों के मुताबिक इस दिन दिल्ली में शिव प्रकाश, कैलाश विजयवर्गीय और अमित मालवीय की मौजूदगी में बैठक हुई। जहां बाबुल सुप्रिया को छोड़कर बंगाल के सभी सांसद मौजूद थे। उस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगली बार बंगाल के 4 केंद्रीय मंत्री चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे।
हाल ही में कैबिनेट विस्तार के बाद राज्य के चार सांसदों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है। निशीथ प्रमाणिक, जॉन बारला, सुभाष सरकार और शांतनु ठाकुर को केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ लिए लगभग एक महीना हो चुका है। लेकिन अभी तक उन्हें पश्चिम बंगाल में कोई बड़ी भूमिका निभाते नहीं देखा गया है। हालांकि मंगलवार की बैठक में लिए गए फैसले से राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर दबाव बढ़ने की संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया है कि ये चारों मंत्री चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे। एक शब्द में कहें तो उनका इस्तेमाल 'ट्रम्प कार्ड' के रूप में किया जाएगा।
इसके अलावा मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र के भाजपा नेताओं ने प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट ली, जहां पार्टी कार्यकर्ता प्रभावित हैं, किन जिलों में अभी भी तनाव है। फिर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया गया। बंगाल बीजेपी के फ्रंट लाइन नेताओं के साथ मंत्रियों को भेजने का फैसला किया गया है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक एक साथ सिर्फ 4 मंत्री ही कहीं जा सकते हैं। बीजेपी राज्य में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर राज्य सरकार पर नया हमला करने की सोच रहे हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि चार मंत्रियों में निशीथ प्रमाणिक वर्तमान में अमित शाह के गृह मामलों के राज्य मंत्री हैं। ऐसे में बीजेपी के अगले कदम पर राजनीतिक गलियारों की नजर रहेगी।
