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31 July 2021

बिजेथुआ महावीर हनुमान की क्या है कहानी..

 


रामायण में माता सीता को लंका से वापस ले आने के लिए जब राम और रावण के बीच में युद्ध चल रहा था उस वक्त मेघनाथ ने अपनी राक्षसी माया से अमोघ शक्ति का प्रहार लक्ष्मण पर कर दिया। परिणाम स्वरुप लक्ष्मण मूर्छित होकर नीचे गिर पड़े। यह देख कर संपूर्ण सेना में हाहाकार मच गया तब विभीषण के आदेश पर लंका से सुषेण वैद्य को बुलाया गया। वैद्य के अनुसार मात्र संजीवनी बूटी का लेप ही लक्ष्मण के प्राण बचा सकता था। यह सुनकर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने के लिए निकल पड़े। रास्ते में बिजेथुआ नामक स्थान पर राम-राम का नाम सुनकर वह रुक गए। यह रावण द्वारा भेजा गया एक मायावी राक्षस था जिसका नाम था कालनेमी। जो साधु के भेष में हनुमान जी को राम भक्त होने का विश्वास दिलाकर उन्हें सर्व मनोकामना पूर्ण मकर कुंड में स्नान करने का सुझाव देता है। इस कुंड में स्नान के समय कालनेमि मगरमच्छ का रूप धारण कर हनुमान जी को खाने का प्रयास करता है। परंतु महाबलशाली महापराक्रमी पवन देव के पुत्र राम भक्त हनुमान ने कालनेमि के दोनों जबड़ों को फाड़ कर उसका वध कर दिया। तत्पश्चात वह संजीवनी पर्वत को उखाड़कर ले आए और इस तरह से लक्ष्मण के शरीर में पुन: प्राण वायु का संचार हुआ। 



आज यह जगह बिजेथुआ महावीरन के नाम से विख्यात है। यहाँ हर मंगलवार को विराट मेला लगता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन को आते हैं।

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