Breaking

11 November 2020

नया संदेश है बिहार का जनादेश

 

मिलन कुमार शुक्ला, पटना, बिहार ने एक बार फिर एनडीए के पक्ष में अपना जनादेश दिया है। 125 सीटें एनडीए को मिली है जबकि 110 महागठबंधन को, एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रही लोजपा को महज 1 सीट पर सब्र करना पड़ा है। अन्य के खाते में 7 सीटें आई है। एनडीए में भाजपा (74सीटें), जेडीयू (43 सीटें), महागठबंधन में आरजेडी (75 सीटें), कांग्रेस ने (19 सीटें) अपने नाम की है। बड़ी बात यह है कि एआइएमआइएम को 5 सीटें मिली है। लगभग तमाम एग्जिट पोल बिहार की जनता का मूड भांपने में विफल साबित हुए। बिहार ने जो जनादेश दिया है वह आने वाले चुनावों के लिए एक नया संदेश देने वाला है।

क्यों है खास 

कोरोना काल में दुनिया का पहला चुनाव बिहार में हुआ। जनादेश भी ऐसा कि क्रिकेट की खेल की तरह रोमांच आखिर तक चरम पर रहा। मतदान की तरह मतगणना के लिए भी चुनाव आयोग की ओर से कोरोना महामारी के मद्देनजर विशेष दिशानिर्देश थे लिहाजा, मतगणना में भी देरी हुई। मंगलवार देर रात तक तस्वीरें स्पष्ट हो पाई। 

इन सब के बीच जो विशेष बात इस चुनाव से निकलकर आई वह यह कि इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर से इंकार नहीं किया जा सकता। मोदी मैजिक की चर्चा है, भाजपा का कद बढ़ा है। सीटों के लिहाज से जदयू का कद छोटा हुआ है। जदयू खेमे के कई कद्दावरों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन एनडीए गठबंधन में नीतीश कुमार के कहे अनुसार, 'अंत भला तो सब भला' सब्र करने वाला है। महागठबंधन में राजद सबसे बड़ी पार्टी है तो कांग्रेस को भी इस चुनाव में फायदा मिला है। लेफ्ट पार्टियों की बिहार में बेेेहतर वापसी इस चुनाव में काबिल-ए-तरीफ है। उधर, सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने जबरदस्त सेंधमारी करते हुए पहली बार 5 सीटें अपने नाम की है। महागठबंधन में इस बात को लेकर मंथन जारी है की सीट शेयरिंग का असर जीत और हार के अंतर में कितना नफा-नुकसान देने वाला रहा। 

 स्वस्थ्य लोकतंत्र के हित में जनादेश-

स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिहाज से बिहार के जनादेश से मिले संदेश की एक खास बात यह है कि सदन में विधायकों की संख्या बल के लिहाज से सत्ता पक्ष और विपक्ष में खास अंतर देखने को नहीं मिलेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि विपक्ष जनहित के मुद्दे पर सत्ता पक्ष पर हावी रहेगा और फैसले एकाधिकार से इतर स्वस्थ लोकतंत्र के हित में लिए जाएंगे.

बंगाल चुनाव पर पड़ेगा असर -

बिहार चुनाव के नतीजे का बंगाल चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा, यद्यपि वहां सियासी समीकरण अलग है। जाहिर तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश देखने को मिल सकता है। अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बिहार में भाजपा की जीत से पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को ताकत मिल सकती है। बहरहाल जनादेश के बाद अब बारी राजतिलक की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि नये कलेवर और तेवर में  डबल इंजन के बूते विकास की पटरी पर अग्रसर बिहार जल्द ही, विकसित जंक्शन तक आ पहुंचेगा।

Post Top Ad

Your Ad Spot

Pages