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26 May 2020

प्रवासी परदेसियों के साथ हजारों ग्रामीणों की आजीविका का साधन बनी वरूणा नदी


फूलपुर - अंश तिवारी - भुल्लुर यादव
वाराणसी के अस्सी घाट पर गंगा नदी में प्रयाग से काशी का मिलन कराने वाली वरुणा नदी, पीएम नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही प्रवासी परदेसियों के साथ हजारों ग्रामीणों की आजीविका का साधन बनी हुई है। मनरेगा से खुदाई को लेकर सवा तीन करोड़ के स्वीकृत प्रोजेक्ट में एक करोड़ से अधिक का कार्य हो चुका है।प्रतापपुर ब्लॉक के सत्रह गांवों से होकर गुजरने वाली यह नदी अब हजारों श्रमिकों के आजीविका की जीवनरेखा है। मनरेगा से खुदाई को 3 करोड़ 21 लाख 84 हजार की वित्तीय स्वीकृति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लेखा सहायक अभिषेक सिंह ने बताया कि प्रतापपुर ब्लॉक के सरायहरीराम से होकर पिलखिनी से होकर कुल 17 गांवों से गुजरने वाली वरुणा नदी की खुदाई को 3 करोड़ 21 लाख 84 हजार 700 रुपए के बजट की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

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