मैंस शॉट पुट एशियन गेम्स में भारत का सबसे सफल खेल बन गया है. 1951 से अब तक इस खेल में भारत को 9 गोल्ड, तीन सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं.
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23 साल के तजिंदर पाल सिंह तूर ने 18वें एशियाई खेलों में शॉट पुट में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया है. उन्होंने पहले प्रयास में 19.96, दूसरे प्रयास में 19.15 मीटर का थ्रो किया. हालांकि तीसरा प्रयास उनका फाउल रहा. लेकिन उन्होंने चौथे प्रयास में 19.96 और पांचवें प्रयास में 20.75 का रिकॉर्ड थ्रो किया. हालांकि यह मौजूदा एशियाई खेलों में भारत का सातवां गोल्ड मेडल है. भारत ने अब तक 29 मेडल ( 7-गोल्ड, 5-सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज) जीत लिए हैं.
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एशियाई खेलों में यह (20.75) एक नया रिकॉर्ड है. इससे पहले 20.57 मीटर का रिकॉर्ड था, जो सऊदी अरब के अब्दुलमजीद अल्हाबाशी ने 2010 एशियाई खेलों में बनाया था. जबकि तजिंदर ने ओम प्रकाश करहाना के नाम पर दर्ज 20.69 मीटर का छह साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है.
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भारतीय नौ सेना में काम करने वाले पंजाब के तजिंदर ने पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था. हालांकि वह गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में निराशाजनक प्रदर्शन के साथ आठवें स्थान पर रहे थे.
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मैंस शॉट पुट एशियन गेम्स में भारत का सबसे सफल खेल बन गया है. 1951 से अब तक इस खेल में भारत को 9 गोल्ड, तीन सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं.
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एशियाई खेलों के इतिहास में पुरुषों के शॉट पुट में भारत का यह नौवां गोल्ड मेडल है. इससे पहले मदन लाल ने 1951 में, परदुमन सिंह ने 1954 और 1958 में, जोगिन्दर सिंह ने 1966 और 1970 में, बहादुर सिंह चौहान ने 1978 और 1982 में तथा बहादुर सिंह सागू ने 2002 के एशियाई खेलों के शॉट पुट स्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था.
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पंजाब के एक साधारण किसान परिवार से तालुक रखने वाले तजिंदर पाल सिंह तूर बचपन में एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन पिता करम सिहं के कहने पर शॉट पुट को अपना करियर बना लिया. हालांकि उनके पिता फिलहाल कैंसर से जूझ रहे हैं.
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भारतीय नौ सेना में काम करने वाले पंजाब के मोगा जिले के तजिंदर पाल सिहं तूर को इस कामयाबी के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड, वीरेंद्र सहवाग, बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर, पीटी ऊषा के अलावा तमाम हस्तियों ने सलाम किया है. संयोग की बात ये है कि राठौड इंडोनेशिया में ही तूर के खेल को निहार रहे थे.