मिलीभगत कर विभागीय नियम बेपटरी
अग्निशमक यंत्र का खस्ताहाल_लापरवाही_ ज़िम्मेदारो की हीलाहवाली
लखनऊ - सुबह तड़के एक होटल में भीषण आग लगना यह जिम्मेदारों की दो टूक निति का उदाहरण है चंद रुपयों की ख़ातिर लापरवाही और बड़े हादसें में गई बेगुनाहों की जान का दोषी?होटल मालिक रसूखदार है_रुपयों से लेकर कई सफ़ेदपोश से खासी पकड़ है जिस्मफरोशी से लेकर तस्करों के ठहरने की अवैध व्यवस्था करने वाले होटल मालिक रसूखदार है जिम्मेदारों के औधे_और उनके कर्तव्य की गरिमा रसूखदारों ने नीलाम कर रखी है तभी तो विभागीय मंजूरी न होना और बिना अग्निशमक विभाग की एनओसी के बगैर भी मनमानी का सिलसिला बदस्तूर जारी है आंकड़े बताते है होटलों में कई मौते और हत्याएँ हुई फिर भी होटल मालिकों पर कार्रवाई न बाबा न लापरवाही और चंद पलों में घटित हादसों की खबर पाकर मदद को दौड़ने वाले विभाग आखिरकार इन हादसों के पीछे छूटी लापरवाही से सबक क्यों नही लेना चाहते है? प्रमोशन भी हो जाए तनख्वाह भी बढ़ जाए लेकिन मन के राजा करेंगे तो सिर्फ अपने मन की जस की तस लापरवाही और ज्यो की त्यों कार्यशैली फिर भी परिवर्तन की लहर सिर्फ कुर्सियो में दिखाई पड़ती है!
