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7 May 2018

तब मुकेश अंबानी ने निभाई थी गुरु की भूमिका, अब दामाद बन रहे हैं आनंद पिरामल

ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद

नई दिल्लीआनंद पिरामल सर्वोत्तम शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर चुके हैं। अब देश के सबसे धनी शख्सियत मुकेश अंबानी की 26 वर्षीया बेटी ईशा अंबानी के साथ उनका ब्याह होना है। 33 वर्षीय आनंद पिरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पिरामल के पुत्र हैं। ईशा और आनंद दिसंबर में शादी के बंधन में बंध जाएंगे। खास बात यह है कि आनंद का मुकेश अंबानी के साथ भी बहुत लगाव है।
साल 2015 में इकनॉमिक टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी थी। इसके मुताबिक, 2010 की गर्मियों में आनंद पिरामल अस्तित्व के संकट से जूझ रहे थे। हवार्ड बिजनस स्कूल से छुट्टी के बाद आनंद घर आए हुए थे। तब उन्हें पता नहीं था कि जिंदगी क्या मोड़ लेनेवाली है। उनके सामने अपने कई सहपाठियों की राह पकड़ने का विकल्प था। खुद आनंद की बहन नंदिनी भी मकिंजी कंस्लटंट की नौकरी करने वॉल स्ट्रीट चली गई थीं। इसके सिवा आनंद बैंकर या प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टर का भी रास्ता चुन सकते थे। 

तभी उनके पिता ने जीवन के सबसे बड़ा फैसला लिया और परिवार की थाती के रूप में चला आ रहा दवाइयों का कारोबार ऐबट को 3.8 अरब डॉलर में बेच दिया। ऐसे में आनंद के लिए फैमिली बिजनस में कदम रखने का रास्ता भी बंद हो गया। 
  
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    देश के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी की बेटी ईशा इस साल दिसंबर में अजय पिरामल के बेटे आनंद पिरामल से शादी करेंगी। रविवार को यह जानकारी सामने आने के बाद अंबानी परिवार रात को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचा। यहां ईशा ने आनंद के साथ भगवान का आशीर्वाद लिया।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    अंबानी परिवार के कई सदस्य सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे और पूजा की। ईशा के साथ पिता मुकेश अंबानी, मां नीता अंबानी, भाई अनंत, मंगेतर आनंद और होने वाले ससुर अजय पीरामल भी मौजूद थे। बेटे की सगाई से पहले भी अंबानी होने वाली बहू श्लोका को साथ लेकर यहां आए थे।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    बेटे और बेटी की शादी की खुशी मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी के चेहरे पर साफ झलक रही थी।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    ईशा पिंक सूट में नजर आईं तो आनंद वाइट सर्ट में बेहद आकर्षक लग रहे थे।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    पूजा के बाद अंबानी परिवारने मीडिया को भी तस्वीरें खींचने का मौका दिया। ये तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    आनंद और ईशा लंबे समय से दोस्त हैं और दोनों परिवारों के बीच चार दशक पुराना दोस्ताना है।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    आनंद, पिरामल रीयल्टी के संस्थापक हैं। इससे पहले उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के लिये पिरामल स्वास्थ्य की स्थापना की थी। वह पिरामल समूह के कार्यकारी निदेशक भी हैं।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    ईशा रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल की निदेशक मंडल की सदस्य हैं। ईशा ने येल विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान और साउथ एशियन स्टडीज में स्नातक की पढ़ाई की है और अभी स्टैण्डफोर्ड के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम स्नातकोत्तर कर रही है।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    आनंद ने महाबलेश्वर के एक मंदिर में ईशा को शादी का प्रस्ताव दिया।
  • ईशा ने आनंद के साथ लिया सिद्धिविनायक का आशीर्वाद
    ईशा और आकाश जुड़वा भाई-बहन हैं। आकाश की भी हाल में श्लोका मेहता के साथ सगाई हुई है। श्लोका हीरा कारोबारी रसेल मेहता की बेटी है। आकाश और श्लोका की शादी भी दिसंबर में होनी तय है।

आनंद ग्रैजुएश न और बिजनस स्कूल में पढ़ाई के दौरान दो वर्षों तक रूरल हेल्थ और टेलि-मेडिसिन स्टार्टअप के लिए प्रयास कर चुके थे, लेकिन तब उन्हें मिलीजुली सफलता हासिल हुई थी। बाद में यह पिरामल ग्रुप के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) का हिस्सा बन गया। ऐसे में आनंद को कोई क्रांतिकारी कदम उठाने की जरूरत थी और उन्होंने न्यूयॉर्क जाकर नौकरी करने की सोच ली। 

तब मुकेश अंबानी ने आनंद को सफलता के कुछ गुर दिए। अंबानी ने तब कहा, 'आंट्रप्रन्योरशिप की दुनिया में कदम रखना, क्रिकेट खेलने जबकि कंसल्टंट बनना क्रिकेट देखनेवाले कॉमेंटेटर जैसा है।' अंबानी ने अपने पसंदीदा खेल क्रिकेट से तुलना करते हुए आगे कहा, 'भविष्य में अगर आप खेलना चाहते हैं तो समय बर्बाद किए बिना मौके का फायदा उठाइए और 30 वर्ष की उम्र होते-होते अपना मुकाम पा लीजिए।' मुकेश अंबानी ने आनंद पिरामल को तब गुरु की तरह रास्ता दिखलाया और कहा, 'खेलिए, गलतियां कीजिए, लेकिन जूझते रहिए।' बस क्या था, आनंद ने न्यूयॉर्क में नौकरी की योजना त्याग दी और रियल एस्टेट बिजनस में दांव खेल दिया। 

आनंद पिरामल को एचडीएफसी बैंक के संस्थापक दीपक पारेख और हवार्ड बिजनस स्कूल के डीन नितिन नोहरिया के भी सुझाव मिले। आनंद ने इन गुरुओं को अपनी कंपनी पिरामल रीयल्टी के अडवाइजरी बोर्ड में जगह दी। वक्त बीतने के साथ-साथ आनंद ने सलाहकारों की टीम में एमार के पूर्व सीईओ रॉबर्ट बूथ, मककिंजी के डायरेक्टर सुब्बू नारायणसामी को भी शामिल किया। 

साल 2015 में आनंद पिरामल ने दो ब्लॉकबस्टर डील्स का ऐलान किया। उन्होंने वारबर्ग पिंकस से 1800 करोड़ रुपये जुटाए और उसके तीन हफ्ते बाद ही गोल्डमैन सैक्स से 900 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया। देश के रियल एस्टेट सेक्टर में 2008 के बाद उस वक्त तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश था। ये दोनों डील्स आनंद की आशावादिता को बयां कर रही थीं क्योंकि उस वक्त देश का रियल एस्टेट सेक्टर निराशा के दौर से गुजर रहा था। 

आनंद को अपने माता-पिता से अध्यात्म की शिक्षा मिली। वह बताते हैं, 'शुरू से ही हमें माता-पिता से भगवद गीता की शिक्षा मिलती रही और निराशक्त भाव का मूल्य पता चला। मैं ऐसा बिजनस खड़ा करना चाहता था जिससे अच्छी कमाई तो हो ही, समाज का भी भला हो। मेरे माता-पिता का संगत में जबर्दस्त विश्वास है जिसका मूल मतलब है जीवन में बढ़ने के लिए अच्छे लोगों की संगति में रहना।' 

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