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11 April 2018

उन्नाव सामूहिक बलात्कार...



कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव जिले के सबसे महत्वपूर्ण राजपूत नेता हैं , जिनकी राजनैतिक यात्रा यूथ कांग्रेस से आरम्भ हुई, 2002 में मायावती की पार्टी से विधायक बने, 2007 में समाजवादी पार्टी से चुने गए, 2017 में चुनाव के आरम्भ होते ही दल बदल कर भाजपा में चले गए और विधायक बन गए, क्योंकि उनके बॉस राजा भैया भाजपा के समर्थक नहीं हैं किन्तु योगी आदित्यनाथ जी के समर्थक हैं | कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर फिलहाल उन्नाव जिला पंचायत की अध्यक्षा हैं | कुलदीप सिंह सेंगर आजकल लोकसभा के लिए तैयारी कर रहे हैं |
उस क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मणों की जनसंख्या 20 से 22 प्रतिशत तक है | दूसरे नम्बर पर हैं मुसलमान, तीसरे पर राजपूत | ब्राह्मणों को आपस में लड़ाया जाता है, मुसलमानों का कुछ हिस्सा कुलदीप सिंह सेंगर को वोट देता है, और राजपूतों में पूरी एकता है जिस कारण कुलदीप सिंह सेंगर किसी भी पार्टी में चले जाएँ, हमेशा चुनाव जीत जाते हैं | कुलदीप सिंह सेंगर के कारण ही भाजपा सदैव हारती रहती थी क्योंकि भाजपा के जनाधार का एक महत्वपूर्ण अंग राजपूत हैं जिनको कुलदीप सिंह अधिक पसन्द हैं | अब  कुलदीप सिंह भाजपा में आये हैं  तो भाजपा उन्हें कैसे निकाल सकती है ? राजा भैया के गुट का समर्थन भाजपा के लिए आवश्यक है, खासकर जब विरोधी शक्तियां एकजुट हो रही हैं | योगी आदित्यनाथ की अग्नि-परीक्षा है - राजधर्म में  "राज" अधिक मत्वपूर्ण है या "धर्म" यह उनको ही तय करना है |
कुलदीप सिंह सेंगर का यह कथन असत्य है कि मृतक सुरेन्द्र सिंह और मृतक  की बेटियों का आरोप विरोधी दलों का षड्यन्त्र है, क्योंकि सुरेन्द्र सिंह उनके ही वोटर थे |
राजनीति के अलावा कुलदीप सिंह सेंगर का पसन्दीदा कार्य है एक ख़ास प्रकार की "समाजसेवा" - कुमारी लड़कियों के विवाह में कम-से-कम दस हज़ार रूपये की "सहायता" करते हैं |
जिस लड़की के साथ बलात्कार का आरोप है उसे भी एक महिला कुलदीप सिंह सेंगर के पास "सहायता" कराने के लिए ले गयी थी |
उस बच्ची के पिता सुरेन्द्र सिंह के साथ कुलदीप सिंह सेंगर के भाइयों का "झगड़ा" हुआ था क्योंकि सुरेन्द्र सिंह ने पुलिस से बलात्कार की शिकायत करने का दुस्साहस किया था, जिसके बाद सुरेन्द्र सिंह के आवास पर आक्रमण हुआ और पुलिस ने सुरेन्द्र सिंह को पकड़कर जेल  में डाल दिया | अदालत में पुलिस ने झूठा बयान दिया कि सुरेन्द्र सिंह पुराने अपराधी हैं, हालाँकि ऐसा कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं है | पुलिस के झूठे बयान के बाद सुरेन्द्र सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश हुआ | न्यायिक हिरासत के दौरान उनकी पिटाई की गयी ऐसा आरोप है, किन्तु अभीतक आधिकारिक जांच नहीं हुई है | पोस्टमोर्टेम की रिपोर्ट है कि गुदा की नली में  (Colon) बड़े-बड़े छेद थे जिस कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन अंतड़ियों में फैल गया और इस कारण "सदमे" से मृत्यु हो गयी |
पोस्टमोर्टेम की रिपोर्ट और डॉक्टर के बयान से प्रतीत होता है कि सुरेन्द्र सिंह के गुदामार्ग में पुलिस ने लाठी डालकर यातना दी ताकि कुलदीप सिंह सेंगर के विरुद्ध शिकायत वापस ले | सुरेन्द्र सिंह को अधमरा करने के बाद भी इलाज के लिए तब भेजा गया जब मौत का अन्देशा हुआ, किन्तु तबतक इन्फेक्शन पूरे पेट में फैल गया था | परन्तु पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट का यह हिस्सा चौंकाने वाला है कि मृत्यु का कारण इन्फेक्शन नहीं बल्कि इन्फेक्शन से पंहुचा "सदमा" था !! "सदमा" इन्फेक्शन का था या बेटी के साथ हुआ बलात्कार और उसके बाद सरकार और पुलिस का बर्ताव था ?? डॉक्टर का कथन है कि आँत में छेद पहले से था जो इन्फेक्शन के कारण बढ़ गया, जिसका अर्थ यह है कि छेद लाठी के कारण हुआ था जो लाठी में लगी गन्दगी से हुए इन्फेक्शन के फैलने पर बढ़ गया |
बलात्कार की कथित घटना पिछले वर्ष जून की है जब कुलदीप सिंह सेंगर समाजवादी पार्टी के समर्थक थे और समाजवादी पार्टी की  सरकार थी | अतः प्राथमिकी में कुलदीप सिंह सेंगर का नाम पुलिस ने दर्ज ही नहीं होने दिया |
राजपूतों का रुख देखकर कुलदीप सिंह सेंगर भाजपा में चले आये और भाजपा की सरकार बन गयी | कुलदीप सिंह सेंगर आरम्भ से ही हवा का रुख भांप लेते हैं और हमेशा सत्ताधारी पार्टी में रहते हैं | कुमारी लड़कियों की "समाजसेवा" करना इनका विशेष शौक है |
पुलिस ने कानून का पालन नहीं किया यह स्पष्ट है | बलात्कार की प्राथमिकी भी अदालती आदेश के बाद दर्ज हुई , जिसके बाद सुरेन्द्र सिंह पर भी प्राथमिकी दर्ज की गयी और पुलिस उनको पकड़कर ले गयी, सुरेन्द्र सिंह की शिकायत पर कोई कार्यवाई नहीं की गयी थी |
सरकार बनते ही समाजवादी पार्टी के समर्थक यादवों ने पाँच ब्राह्मणों की हत्या की तो सरकार का बयान था कि मारे गए ब्राह्मण अपराधी थे इसकी जांच होगी !! किन्तु हत्यारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही थी, विधानसभा में हंगामे के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी | ब्रह्महत्या से  "रामराज्य"  का शुभारम्भ हुआ | भाजपा को ब्राह्मणों ने वोट दिया था, हत्यारे तो समाजवादी पार्टी के समर्थक थे | किन्तु उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है कि भाजपा की सबसे बड़ी समर्थक दो प्रमुख जातियों में आपसी तालमेल नहीं है, इतना विद्वेष है कि समाजवादी पार्टी के गुण्डे भी ब्राह्मणों को मारते हैं तो सरकार ब्राह्मणों को ही अपराधी कहती है | कुलदीप सिंह सेंगर वाला काण्ड भी तब का है जब वे समाजवादी पार्टी में थे |
मायावती और समाजवादी पार्टी ने सवर्णों पर इतने अत्याचार किये, इसके बाद भी सवर्णों में आपसी फूट मिट नहीं रही है !! राजपूतों और ब्राह्मणों में कब एकता होगी ?
योगी आदित्यनाथ धर्मसंकट में हैं - किस "धर्म" का पालन करें ? जातीय धर्म का या असली राजधर्म का ? शक्तिशाली तो अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम होते हैं, राजधर्म है अशक्त की रक्षा करना |
असली क्षत्रिय वह है जो कमजोर की रक्षा करे | राजपूतों को जागने की आवश्यकता है | कुलदीप सिंह सेंगर ही राजपूत नहीं हैं, जिनके साथ अन्याय हुआ है वे भी राजपूत ही हैं, हालाँकि कमजोर हैं |
सुरेन्द्र सिंह का परिवार अनाथ हो गया है, खर्चा कैसे चलेगा इसका अब कोई उपाय नहीं है | ऊपर से अदालती खर्चे, और बलात्कार की बदनामी |
सनातन धर्म में बलात्कार को राक्षस का लक्षण कहा गया है, और राक्षसों का वध करने के लिए ही विष्णु के सारे अवतार होते रहे हैं | असली वैष्णव वह है जो बलात्कारियों को फाँसी के तख्ते तक पंहुचाने में सहायता करे, देश में रावण-राज्य हो तो घर में बैठकर राम-राम करने से राम नहीं मिलेंगे | श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में बलात्कारियों का सहयोग हो तो उस मन्दिर में राम जी चरण भी नहीं रखेंगे |
साभार : विनय झा

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