फरीदाबाद, 16 अक्टूबर —
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (YMCA) में आज “डीपफेक और फैक्ट-चेकिंग” विषय पर एक विशेष मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। यह सत्र प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के चीफ सब एडिटर गौरव ललित शर्मा द्वारा संचालित किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को डिजिटल युग में फैल रही फेक न्यूज़, डीपफेक वीडियोज़ और मिसइन्फॉर्मेशन की पहचान और सत्यापन के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।
गौरव शर्मा ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस दौर में डीपफेक कंटेंट तेजी से बढ़ रहा है, जिससे असली और नकली के बीच फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में पत्रकारों के लिए अब केवल खबर लिखना ही नहीं, बल्कि उसकी सत्यता की जांच (Verification) करना भी उतना ही जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा,
“टेक्नोलॉजी पत्रकारिता के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह सत्य की खोज में हमारी सबसे बड़ी सहयोगी बन सकती है — बशर्ते हम इसे जिम्मेदारी और ईमानदारी से इस्तेमाल करें।”
सत्र के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को कई अत्याधुनिक फैक्ट-चेकिंग और डीपफेक डिटेक्शन टूल्स से परिचित कराया, जिनमें शामिल हैं —
Hive Moderation, Sight Engine, Deepware Scanner, InVID-WeVerify, Forensically, Google Lens और TinEye।
गौरव शर्मा ने इन टूल्स के प्रयोग से फर्जी विजुअल्स की पहचान, वीडियो वेरिफिकेशन और सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों को खारिज करने के व्यावहारिक तरीके भी समझाए।
सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने फैक्ट-चेकिंग की प्रक्रिया, डिजिटल एथिक्स और जिम्मेदार पत्रकारिता से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने विस्तार से उत्तर दिया। छात्रों ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया।
कार्यक्रम के समापन पर असिस्टेंट प्रोफेसर अनिरुद्ध सुबेदार ने मुख्य वक्ता गौरव ललित शर्मा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस मास्टरक्लास ने छात्रों को डीपफेक और फैक्ट-चेकिंग के क्षेत्र में तकनीकी समझ के साथ-साथ तथ्यपरक पत्रकारिता के महत्व को गहराई से समझने का अवसर प्रदान किया।


