नई दिल्ली: तालिबानी आतंक से निपटने के लिए भारत तैयार है। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक समारोह में यह बात कही। अफगानिस्तान के हालात के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पहले ही पता चल गया था कि तालिबान काबुल पर फिर से कब्जा करने जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि तालिबान 20 वर्षों में नहीं बदला है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जो हुआ उसका अनुमान पहले से था। हालांकि, भारतीय सेना तालिबान की घुसपैठ का मुकाबला करने और घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार है। संयोग से मौजूदा हालात में देश में घुसपैठ बढ़ने का खतरा है। जनरल रावत ने पहले कहा था कि भारत इस स्थिति में सतर्क है। हाल ही में उत्तराखंड के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बदलते हालात के लिए तैयारी कर रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यही कहा। उन्होंने कहा, 'इस संदर्भ में नई चुनौतियां पैदा हुई हैं। इससे निपटने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है। 15 अगस्त को वे काबुल में दाखिल हुए। उसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल से भाग गए। उनके देश छोड़ने के बाद, तालिबान अफगानिस्तान का शासक बन गया। ऐसे में आम अफगानों के मन में खौफ बढ़ता जा रहा है। तालिबान का विद्रोह शुरू हो चुका है। जिहादी घर-घर जाकर तलाशी ले रहे हैं।
कई अफगानी देश छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। भारत भी उस सूची में है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान से भारत आने के लिए अफगानों को केवल ई-वीजा की आवश्यकता होगी।
