नई दिल्ली: राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष सत्र की शुरुआत से ही विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को कड़ा संदेश दिया था। इस बार राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू विपक्ष के व्यवहार से काफी भावुक हुए। बुधवार को सत्र की शुरुआत में विपक्ष के व्यवहार से उनके आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि वह कुछ विरोधियों और अन्य लोगों के व्यवहार से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वह कल पूरी रात सो नहीं सके।
विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को केंद्र के कृषि कानून पर अधिक समय तक चर्चा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कम समय क्यों दिया गया , इस पर निराशा व्यक्त की। इस दौरान राज्यसभा में फाइलें फेंकी। कई टेबल पर उठ गए। संसद में घोर अराजकता फैल गई। नायडू ने उस व्यवहार का जिक्र करते हुए खेद जताया। उन्होंने कहा कि असंतुष्टों के व्यवहार से संसद की मर्यादा भंग हुई है। आप सरकार को अपनी इच्छानुसार कुछ करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। स्थिति ऐसी थी कि मैं पूरी रात सो नहीं सका। यह बोलते हुए नायडू की आंखों में आंसू आ गए।
आज नायडू ने भी इस मुद्दे पर बैठक बुलाई है। बैठक में अमित शाह और पीयूष गोयल जैसे नेता मौजूद थे। यह बैठक सत्र शुरू होने से पहले हुई थी। उधर, संसद में सरकार के खिलाफ क्या रुख अपनाया जाएगा, इस पर आज सुबह विपक्ष की बैठक हुई। वहां कांग्रेस, तृणमूल, सपा, माकपा, द्रमुक समेत कई पार्टियों के सांसद मौजूद थे। इससे पहले कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की कुर्सी पर पर्चा फेंका। बाद में उन्होंने सत्र में विपक्ष को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कल सांसदों के व्यवहार को 'बेहद दुखद' बताया।

