कोलकाता: राज्य सरकार ने काफी झिझक के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि परियोजना को मंजूरी दे दी है। चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस परियोजना की पहली किस्त का लाभ बंगाल के किसानों को मिला। इस महीने दूसरी बार इस किस्त का पैसा पश्चिम बंगाल के किसानों के बैंक खाते में आने वाला है। पीएमओ सूत्रों के मुताबिक देश के पंजीकृत किसानों को परियोजना की नौवीं किस्त 9 अगस्त को सुबह 11 बजे मिलेगी। हालांकि इससे पहले केंद्र-राज्य विवाद फिर से शुरू हो गया है।
दरअसल किसान इस परियोजना के लाभ के लिए केंद्र के पोर्टल पर अपनी पहल पर आवेदन कर सकते हैं। लेकिन राज्य से आवेदक की जानकारी की पुष्टि के बाद पैसा बैंक खाते में पहुंचता है। केंद्र ने मई में राज्य द्वारा सत्यापित जानकारी के आधार पर 7 लाख खातों में पैसा भेजा था। राज्य पहले ही कई लाख और किसानों की जानकारी का सत्यापन कर उन्हें पीएम किसान निधि योजना के लिए भेज चुका है। सूत्रों के अनुसार कुल संख्या 44 लाख 89 हजार 831 है। इसमें से 24 लाख 31 हजार 884 खाते में पैसे भेजने के लिए स्वीकार किए गए हैं। लेकिन 9 लाख 87 हजार 861 किसानों के नाम छूट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री इन नामों के गायब होने से नाराज हैं।
राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मुद्दे पर राज्य के कृषि सचिव ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को पहले ही कड़ा पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र के माध्यम से यह जानने को कहा गया है कि केंद्र सरकार ने किस आधार पर या किस कारण से लगभग 9 लाख किसानों के नाम छोड़े? इस बात की भी संभावना है कि इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार का केंद्र सरकार से कोई नया विवाद हो सकता है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार पीएम किसान निधि परियोजना के माध्यम से किसानों को तीन किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह मदद उन किसानों को दी जाती है जिनके पास कम से कम 2 हेक्टेयर जमीन है।


