नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद केंद्र की ओर से ऐलान किया गया कि अब से कोई भी भारतीय घाटी का निवासी हो सकता है। लेकिन पिछले दो साल में केंद्र शासित प्रदेश में दूसरे राज्यों के सिर्फ दो लोगों ने जमीन खरीदी है। दरअसल केंद्र ने मंगलवार को संसद में यह बात कही।
जम्म-कश्मीर में क्या किसी दूसरे राज्य के भारतीय के लिए यहां जमीन खरीदने में कोई बाधा या समस्या आई है? इस सवाल के जवाब में मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 'सरकार की ओर से ऐसा कुछ नहीं बताया गया है।
गृह मंत्रालय को कई सवाल मिले हैं। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद लोगों को जमीन खरीदने के लिए कहा गया है, क्या इसमें कोई सच्चाई है? केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस सवाल का जवाब दिया।
मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया। अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया। जम्मू और कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित है। 5 अगस्त, 2021 को उनके दो साल पूरे हो गए।
अब तक, 'स्थायी निवासियों' को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का अधिकार था। लेकिन जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित होने के बाद कोई भी भारतीय नागरिक यहां जमीन खरीद सकता है।
