नई दिल्ली: देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश करने जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंटवारे के दर्द को बयां किया। उन्होंने घोषणा की कि इस दिन को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। शनिवार को ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'विभाजन का दर्द कभी नहीं भुलाया जा सकेगा'।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा विभाजन को भुलाया नहीं जा सकता है। इस दिन, हमारे लाखों भाई-बहन एक-दूसरे से अलग हो गए थे, और कई लोगों ने केवल हिंसा और घृणा के कारण अपनी जान गंवाई थी। स्वतंत्रता के लिए लोगों के बलिदान और प्रयासों का सम्मान करते हुए, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने आगे लिखा यह दिन हमें बार-बार याद दिलाएं कि सामाजिक विभाजन, विभाजन को दूर करने और एकता, सामाजिक सद्भाव और सशक्तिकरण की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता है।
हालांकि भारत को 1947 में आजादी मिली, लेकिन देश दो हिस्सों में बंट गया। अविभाजित भारत के स्थान पर भारत और पाकिस्तान का निर्माण हुआ। विभाजन के कारण लाखों लोग बेघर हो गए। धार्मिक भेदभाव, सामूहिक लूटपाट और अन्य भयावह घटनाएं शुरू हुईं। बंटवारे के दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने इस दिन को खास तरीके से याद करने का अनुरोध किया।
कल स्वतंत्रता दिवस है। 75 वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस से 75 सप्ताह पहले 'आजादी का अमृत महोत्सव' का उद्घाटन किया।
आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री ने पिछले साल से ही विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की थी। उन्होंने विभिन्न अवसरों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया और उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा। 75 सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव शुरू होगा।
