राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि राज्यपाल कलराज मिश्रा विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दें. उनका दावा है कि वो सदन में विश्वास मत लेने के लिए तैयार हैं. कुछ दिन पहले तक आंकड़ों को लेकर घबराहट में दिख रहे गहलोत अब आक्रामक मुद्रा में हैं. ये क्या गहलोत की रणनीति में बदलाव आने का संकेत है. या ये उनके समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ने का प्रतीक है.सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ग्रुप के 19 विधायक झुकने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में 200 सदस्यीय सदन में गहलोत के हक में आंकड़ों में नाटकीय ढंग से नहीं बदले हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में जहां हर विधायक की अहमियत है, लगता है गहलोत भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों को अपने पाले में बरकरार रखने में कामयाब हुए हैं. कुछ दिन पहले बीटीपी विधायक वायरल वीडियो में कह रहे थे कि उन्हें मुक्त रूप से घूमने की इजाजत नहीं दी जा रही है.गहलोत के वफादार विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन के उद्यान में प्रदर्शन किया. गहलोत ने राज्यपाल पर निशाना भी साधा कि वो कैबिनेट के शीघ्र विधानसभा सत्र बुलाने के फैसले को मंजूर नहीं कर रहे हैं. ये उनकी उस रणनीति का हिस्सा है कि बागियों को उनके विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए लुभाने का मौका न मिल सके.
25 July 2020
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आंकड़ों के खेल में उलझी राजस्थान की राजनीति
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