*नई दिल्ली:* देश में करीब 69 दिन के लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 जारी किया गया है। हालांकि अब देश में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। दो दिनों से कोरोना के संक्रमित मरीजों की तादाद 8 हजार के पार पहुंच गई है। ऐसे में देशवासियों के लिए एक राहत की खबर लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) से आई है।
देश में अभी तक कोरोना के टेस्ट के लिए लोगों को करीब 4500 रुपये खर्च करने पड़ते थे और रिजल्ट के लिए करीब 24 घंटे का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआइ) ने कोविड-19 जांच की सस्ती किट तैयार की है। यह तकनीकी आरएनए आधारित है, इसे सीधे मरीज के जांच के नमूने पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मरीज के नमूने में से आरएनए निकालकर उसमें ही संक्रमण देखा जाता है। इस किट से तीस मिनट में जांच की जा सकेगी और खर्च भी पांच सौ रुपए के करीब आएगा।इस किट के पेटेंट के लिए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) की तरफ से आवेदन किया है। पेटेंट के बाद किट की वैधता की जांच के लिए इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) को भेजा जाएगा, जिसके बाद ही यह किट लोगों तक पहुंच सकेगी। अभी तक संक्रमण का पता लगाने के लिए नाक और गले से स्वाब लिया जाता है। कालम तकनीकी से स्वाब सेल से आरएनए निकाला जाता है, जिसमें पंद्रह मिनट लगते हैं। इसी आरएनए के संक्रमण की जांच किट से की जाती है, जिसमें समय भी काफी कम लगता है।