पटना - गरीबी लाचारी बेबसी किसे कहते है सायद आप इस खबर को देख पढ़ कर समझ पाएंगे। एक महिला गत सप्ताह pmch चमड़ा वाड़ में भर्ती हुई, जिसे 2015 में दवा रिएक्शन के कारण इनके शरीर पे जख्म हो क्या शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नही है, जिसमे जख्म न हो कस्ट ऐसा की कपड़ा भी बर्दास्त नही हो पाता है। इस तपती गर्मी में जब हमलोग हाल बेहाल है तो इनकी वेदना भलि भाँति समझने से कोई कैसे गुरेज कर सकता है । बहरहाल जरा सोचिये गर इनके पास पैसा होता तो क्या इनका जख्म अभी तक ऐसा रहता। रोगी की माने तो पिछले 3 साल से वह इससे पीड़ित हैं । विवेक ने बताया कि यह महिला नालंदा जिले की रहने वाली है। अभी कुछ दिन पहले ही pmch आयी है जहाँ इलाज सही मिल रहा है, उन्होंने कहा कि महिला से जब हमने पूछा इसके पहले इलाज कहा करा रही थी तो उसने कहा उधर ही इलाज कर रही थी नही ठीक हुआ यहाँ आये है तो आराम है।
पटना - गरीबी लाचारी बेबसी किसे कहते है सायद आप इस खबर को देख पढ़ कर समझ पाएंगे। एक महिला गत सप्ताह pmch चमड़ा वाड़ में भर्ती हुई, जिसे 2015 में दवा रिएक्शन के कारण इनके शरीर पे जख्म हो क्या शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नही है, जिसमे जख्म न हो कस्ट ऐसा की कपड़ा भी बर्दास्त नही हो पाता है। इस तपती गर्मी में जब हमलोग हाल बेहाल है तो इनकी वेदना भलि भाँति समझने से कोई कैसे गुरेज कर सकता है । बहरहाल जरा सोचिये गर इनके पास पैसा होता तो क्या इनका जख्म अभी तक ऐसा रहता। रोगी की माने तो पिछले 3 साल से वह इससे पीड़ित हैं । विवेक ने बताया कि यह महिला नालंदा जिले की रहने वाली है। अभी कुछ दिन पहले ही pmch आयी है जहाँ इलाज सही मिल रहा है, उन्होंने कहा कि महिला से जब हमने पूछा इसके पहले इलाज कहा करा रही थी तो उसने कहा उधर ही इलाज कर रही थी नही ठीक हुआ यहाँ आये है तो आराम है।
