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21 June 2018

आओ चले मानवता की ओर - विवेक


पटना - आज एक बृद्ध महिला उम्र लगभग 7O साल, गोसाई टोला बन बिभाग के पास गिरी गुई थी। काफी भीड़ गला था देखा माँ बेहोश थी ।दाँत बैठा हुआ था छुड़ाया लोग पानी छिटने लगे थोड़ा होस आया । कोई सट नही रहा था। बेटा का वही पे एक छोटा सा गुमटी था ।दुबला पतला एकदम नभर्स था । वो बार बार अपने भाई को कॉल कर रहा था आने के लिय। मैं पीएमसीएच ले जाने के लिए बोल रहा था ।भीड़ में सब राय दे रहे थे कोई साथ नही आ रहा था।मैं  बोला टाइम क्यो बर्बाद कर रहे हो चोलो जब मैं तैयार हूं तो किसका इंतजार कर रहे हो अपने बाइक पे बिठा कर उनके बेटे के साथ और उसके जानने वाले 2 लड़के बाइक से ही महाबीर वात्सल्य संस्थान कुँजी पहुँचा।जहाँ मेरे पुराने मित्र प्रभु भैया डॉ से बात कर दिखवाया B।P 100/50 था ।दवा दिया गया और ओ आर एस पिलाया ।अब कुछ ठीक थी ।30 मिनट वहाँ रहा।बेटे से बात करने के बाद आँख भर आया ।मैं काफी पीछे चला गया एक बेटे का माँ के प्रति अटूट प्यार दर्द को काफी करीब से महसूस किया।लड़का ने बताया माँ को कैंसर है मैं उसे बता नही सकता भैया क्या बताऊँ डॉ बोले है घर ले जाओ दवा खिलाओ सेवा करो।परिवार के बारे में पूछने पे बताया पापा बीमार थे 1 महीने पहले मर गए।3 भाई थे जिसमें एक लिवर के बीमारी से मर गया ।मैं छोटा हु माँ के साथ किराए के मकान में रहता हूं।इस हाल में भी हमको देखने ही आ रही थी जो गिर गयी।बड़ा भैया भाबी के साथ रहता है।मैं 2 घण्टे रहा पर बड़ा बेटा नही आया क्या हो रहा है समाज को समझ मे नही आता।उस भीड़ में एक महिला बोली बेटा आप ले जाइये इसका भाई  नही आएगा और वो सच हुआ।

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