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11 May 2018

मरीज मर गई, लेकिन अस्पताल कर रहा इलाज: परिवार

family alleged, patient died but hospital still giving treatment

नई दिल्ली 
फिल्म 'गब्बर इज बैक' का वह सीन आपको याद होगा जिसमें मरीज के मर जाने के बाद भी उसे जिंदा बताकर इलाज के बहाने पैसे ऐंठे जाते हैं। ऐसा ही कुछ मामला दिल्ली में सामने आया है जहां एक परिवार ने पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल पर मरीज की मौत के बाद भी इलाज करने का आरोप लगाया है। परिजनों ने शुक्रवार को इसको लेकर हंगामा भी किया, जिसकी वजह से पुलिस बुलाई गई। पुलिस की मौजूदगी में डॉक्टरों ने परिजनों को वेंटिलेटर पर पड़ी महिला मरीज राजकुमारी राठौर को दिखाया।
राजकुमारी के भाई अर्जुन राठौर ने बताया कि आगरा में एक एक्सीडेंट में वह घायल हो गई थीं। गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें वहां एक छोटे अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन सिर में चोट की वजह से उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया। मैक्स पटपड़गंज में साढ़े सात लाख रुपये जमा किए गए तो डॉक्टर ने सर्जरी की। उन्होंने कहा कि सर्जरी के बाद 8 मई को उनका हार्ट फेल हो गया, तब से वह वेंटिलेटर पर हैं। हमें शक हुआ कि मरीज कहीं मर तो नहीं गई । इसके बाद हमने अस्पताल से एक रिपोर्ट मांगी, जिसे दूसरे अस्पताल के डॉक्टर को दिखाया तो उसने बताया कि मरीज तो मर चुकी है। 

अर्जुन ने कहा कि हमें मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था और कुछ बताया भी नहीं जा रहा था। इसलिए शुक्रवार को हंगामा किया और पुलिस को बुलाया। हमें पूरा शक है कि वह अब इस दुनिया में नहीं है। अगर जिंदा है तो किसी दूसरे अस्पताल में रेफर कर दें, लेकिन अस्पताल दूसरे अस्पताल रेफर नहीं कर रहे हैं। इसलिए हमें शक है कि कुछ गड़बड़ है। 

इधर, मैक्स अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज की हालत काफी गंभीर है। सर्जरी से पहले उन्हें बताया गया था कि रिकवरी के बहुत कम चांस है, लेकिन सर्जरी के तुरंत बाद मरीज को हार्ट अटैक आ गया। सीपीआर देकर उन्हें रिवाइव किया गया और तब से वह वेंटिलेटर पर है। कंडीशन क्रीटिकल है और जरूरी इलाज दिया जा रहा है। 

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