आशीष तिवारी - प्रश्न ये है की ब्राह्मणो को किस आधार पर ऊँची जाती वाला बोल कर सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है आज के दौर में ऐसा क्या है ब्राह्मण जाति में जो ऊँचा है सरकारों को ये भी खुलासा करना चाहिए , जब की ब्राह्मण अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं , अगर पाठ पूजा करना , पंचांग पढ़ना , हवन करवाना उनके पौराणिक व्यवसाय के कारण सवर्ण जाति कहलाता है तो मैं बताना चाहता हूँ कि आजकल मंदिर के पुरोहित मंदिर कमेटी के आधीन नौकरी करते हैं जिन्हे बहुत ही अल्प वेतन पर रखा जाता है और मंदिर-कमेटी के सदस्यों के दबाव में रहना पड़ता है कई पुजारिओं पर अब तो गाली भी पड़ने लगी है , फिर किस प्रकार ब्राह्मण को उच्च बोल कर सरकारी नौकरी में / सरकारी स्कूल में / सरकारी स्कीमों में किसी प्रकार की छूट नही दी जाती । ब्राह्मणो की नई पीढ़ी जिन्हे किसी परीक्षा या इंटरब्यू मे कोई रियायत नही मिलती |तो वे अपने पूर्वजों को कोसते हैं की क्या इस सविंधान ने मुग़लों के जुल्म सहने का इनाम , मुग़लों द्वारा जब ब्राह्मणो को काटा जाता था , वेद पुराण , ग्रंथों को जलाया जाता था तो ब्राह्मण ही था जिसे वेद पुराण कंठस्थ थे और वो जुल्म सहन करता हुआ भी छुप छुप अपने बच्चों को मंत्र - हवन - क्रियाकर्म की विधि - मुंडन की विधि - गृह प्रवेश , भूमि पूजन सिखाता रहता था ताकि अपने देश की संस्कृति जिन्दा रह सके और वह हिन्दू धर्म को बचा लिया |जबकि एक हज़ार वर्ष मुग़लों और 200 वर्षों अंग्रेज़ों के जुल्म के बावजूद भारतियों को हिन्दू बनाये रखा और आज उन्ही ब्राह्मणो का अपमान हो रहा है।
हम ब्राह्मण कोई विशेष सम्मान नही चाहते परन्तु कम से कम सरकारी स्कीमों या निजी कार्य में बराबरी तो मिले , ये कैसी उच्च जाति व्यवस्था है की उच्च बोल कर हमे प्रताड़ित किया जा रहा रहा है।
सरकारें केवल इतना जवाब देदे ब्राह्मण / क्षत्रिय / वैश्यों में ऊँचा क्या है और इसका आधार क्या है ???
इस व्यवस्था ने हमे मजबूर कर दिया है की हम ब्राह्मण समाज को एकजुट करे और इस व्यवस्था को खत्म करे।
