Breaking

6 April 2018

जोधपुर में 2 अक्टूबर 1998 की रात क्या हुआ था?

संबंधित इमेज
1 अक्टूबर 1998 की रात 1.30 बजे एक सफेद रंग की खुली जिप्सी कांकणी, थाना लूणी, जोधपुर के जंगलों में तेज रफ्तार के साथ दौड़ रही थी. जिप्सी में वो लोग बैठे हुए थे जो दिन में किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. इसी दौरान जिप्सी में सवार एक युवक जो सलमान खान था ने बंदूक से गोली चलाकर दो काले हिरणों का शिकार कर लिया. सलामन खान को ऐसा करते हुए उसी इलाके विश्नोइयों की ढाणियां (बागड़ा) में रहने वाले छोगाराम विश्नोई और पूनमचन्द विश्नोई ने देख लिया. 30 तारीख की शाम को भी गाँव वालों ने गुड़ा से कांकाणी रोड़ के पास खेतों में काले हिरणों के झुण्ड के पीछे इसी सफेद जिप्सी को भगाते देखा था

सलमान के साथ जिप्सी में अभिनेता सैफ अली खान व दो लड़कियां भी थीं. दो व्यक्ति व एक लड़की चश्मा पहने हुए बैठे थे. मौके पर ढाणियों में लोगों के जाग जाने के कारण वे लोग मरे हुए हिरणों के गोली लगे शव ले जाने में कामयाब नहीं हो सके. कुछ लोगों ने मोटरसाईकिलों से जिप्सी का पीछा भी किया लेकिन कांकाणी फांटे होते हुए वो जोधपुर की तरफ भाग गये. जिप्सी की तेज़ गति के कारण वे पकड़ने में कायमाब नहीं हो सके.

इसके बाद 2 अक्टूबर की रात 9.15 बजे छोगाराम विश्नोई और पूरनचन्द विश्नोई वन्य जीव उड़न दस्ता जोधपुर के स्टाफ सागर राम वनरक्षक एवं गुड़ा वन्य जीव चैकी के सहायक वनपाल भंवरलाल विश्नोई सहित उपवन संरक्षक, वन्य जीव, जोधपुर एम.एल.सोनल के जोधपुर निवास पर पहुंचे और एक अक्टूबर की रात बीते सारे घटनाक्रम को सिलसिलेवार बताकर रिपोर्ट दर्ज करा दी. जिस पर एफ.आई.आर नम्बर 93(26)/98 दर्ज रजिस्टर की गई. मांगीलाल सोनल, उप वन संरक्षक, वन्य जीव, जोधपुर द्वारा प्रकरण में प्रारम्भिक जाँच की गई तथा हिरणों के शवों को बरामद किया.

मौका पंचनामा कर फर्दें कायम की गई. हिरणों के शवों का पोस्टमोर्टम उस क्षेत्र के पशु चिकित्सक डॉ. एन.पी. नेपालिया से करवाया गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त की गई. गवाह पूनमचंद, छोगाराम के बयान लिये गये. उसके बाद प्रकरण की जाँच तत्कालीन वन्य जीव प्रतिपालक ललित बोड़ा को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया.  पशु चिकित्सकों की एक शव परीक्षण कमेटी का गठन 11.10.98 को करवाकर एक बार फिर हिरणों के पूर्व में दफनाये गये शवों का परीक्षण करवाया गया.

Post Top Ad

Your Ad Spot

Pages