जिसमे अध्यात्म का विशाल महल खड़ा हुआ है
1.सत्य 2.प्रेम 3.श्रद्धा 4.विश्वास
इसमे जिन साधको ने इन चार खम्भो पर अध्यात्म का महल खड़ा किया तो ये खड़ा रहता है! इन चार खम्भो मे से एक खम्भा भी गिरा तो अध्यात्म का महल ढह जाता हैं
*श्री श्री 108 श्री देवी प्रसाद जी महाराज*
पूर्व प्रधान पुजारी मां शारदा शक्तिपीठ मैहर
आंनद मन की ऐसी स्थिति है जहां ना कोई संकल्प नाहि विकल्प ना कोई चाह ना इच्छा
2.जीवन का सत्य माया नही ईश्वर है !
3.जीना वही जानते है जो ईश्वर की सानिध्यता मे जीते हैं!
4.माया मे जीने वाले पशु पक्षी की भाति होते हैं!
5.माया पतन कराती है ईश्वर उत्थान कराता है!
6.सत्य के बिना कोई साधना नही हो सकती!
7.सम्पूर्ण साधनाओं की जड़ सत्य है!
