अभिषेक सिंह
लखनऊ- इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी के परिषदीय स्कूलों की 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। याचिकाकर्ताओं ने भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा के कुछ सवालों पर सवाल उठाया था। उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने जो आंसर की जारी की, उसमें उन सवालों के उत्तर कुछ और थे, जबकि एनसीईआरटी की किताबों में कुछ और दिया है। हाई कोर्ट ने एक जून को इस मामले में अंतरिम राहत के बिंदु पर सुनवाई कर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए शिक्षक भर्ती पर स्टे लगा दिया है। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनितों की सभी जिलों में काउंसिलिंग भी बुधवार को शुरू हो गई है। सभी जिलों में तीन से छह जून तक काउंसिलिंग के बाद संबंधित जिले से नियुक्ति पत्र भी जारी किये जाने हैं। ऐसे में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच का भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगाना किसी बड़े झटके से कम नहीं है।बता दें कि सोमवार को जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने इस मामले में दाखिल ऋषभ मिश्रा व अन्य समेत कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की थी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग पांच घंटे चली सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने विवादित प्रश्नों को विशेषज्ञ समिति के समक्ष भेजने व चयन प्रक्रिया रोकने के बिंदु पर आदेश सुरक्षित कर लिया था।