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14 June 2018

महाप्रभु का महारहस्य....सोने की झाड़ू से होती है सफाई।



पुरी (उडीसा) - प्रनेश सिंह / आशीष तिवारी  -  महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है, पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है। मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया। हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है।

लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को सेना चारो तरफ से घेर लेती है। उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता। मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है.पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है. पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है. वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है और नई मूर्ती में डाल देता है. ये ब्रह्म पदार्थ क्या है आजतक किसी को नही पता है।  इसे आजतक किसी ने नही देखा।

 हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है। ये एक अलौकिक पदार्थ है जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए।  इस ब्रह्म पदार्थ का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है। मगर ये क्या है ,कोई नही जानता। ये पूरी प्रक्रिया हर 12 साल में एक बार होती है। उस समय सुरक्षा बहुत ज्यादा होती हैै। मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया की महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है ? कुछ पुजारियों का कहना है कि जब हमने उसे हाथमे लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था। आंखों में पट्टी थी। हाथ मे दस्ताने थे तो हम सिर्फ महसूस कर पाए।

1)पूरी मंदिर जी की विशेष..
2)आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है...
3)मंदिर के मुख्य द्वार पर जाते ही समुद्र की लहरो की आवाजे बंद हो जाती है
4)मंदिर के ऊपर कोई पक्षी नही उड़ता...
5)झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है
6)जगन्नाथ मंदिर में स्थित खम्भे की परछाई नही पड़ती...
7)जगन्नाथ का चावल कभी खत्म नही होता...


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